5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
Blog Article
थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
This informative article wants additional citations for verification. Please help improve this short article by introducing citations to trusted resources. Unsourced materials could possibly be challenged and eliminated.
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर shiv chalisa lyricsl उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं more info पुरारी॥
शिव भजन